"देखो न मम्मा , दीदी किस तरह रौब झाड़ती हैं मुझ पर। "देखो न मम्मा , दीदी किस तरह रौब झाड़ती हैं मुझ पर।
अगले स्टेशन पर झटके से ट्रेन रुकी और कपाट खुलते ही एक सुंदर सी कन्या मेरे बगल में आकर खड़ी हो गयी अगले स्टेशन पर झटके से ट्रेन रुकी और कपाट खुलते ही एक सुंदर सी कन्या मेरे बगल मे...
उस वक़्त की बात ही निराली थी, कम संसाधन थे,पर लोगों के पास एक-दूसरे के लिए वक़्त की कमी नहीं होती थी... उस वक़्त की बात ही निराली थी, कम संसाधन थे,पर लोगों के पास एक-दूसरे के लिए वक़्त...
सबसे चंदा जमा करके, अलग- अलग रंग के डब्बे लाया! सबसे चंदा जमा करके, अलग- अलग रंग के डब्बे लाया!
अब भी कुछ तो शेष था जिसके कारण दोनों ने पालन पोषण का मान रख लिया था। अब भी कुछ तो शेष था जिसके कारण दोनों ने पालन पोषण का मान रख लिया था।
नैना को भी आज पहली बार ये एहसास हुआ था कि कहीं न कहीं वो भी राजीव से प्यार करने लगी है। क्रमश: नैना को भी आज पहली बार ये एहसास हुआ था कि कहीं न कहीं वो भी राजीव से प्यार करने ...